Labour Minimum Wages: 1 अक्टूबर 2024 से केंद्र सरकार के द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है, जिसके अनुसार मजदूरों के लिए अब नई न्यूनतम मजदूरी दर निर्धारित की गई है। बताते चलें कि इस फैसले के बाद से लाखों मजदूरों को लाभ मिलने वाला है, एवं उनकी सैलरी में भी वृद्धि होगी, जिससे उनका जीवन स्तर काफी सरल और आसान हो पाएगा।
इस नई दर के अनुसार वेरिएबल डियरनेस अलाउंस (VDA) के प्रमुख संसाधन के पीछे कुछ महत्वपूर्ण बदलाव नजर आ रहे हैं, जहां देखा जा सकता है कि सरकार के द्वारा VDA को हर 6 महीने में अप्रैल और अक्टूबर में संशोधित किया जाता है। इसके अनुसार, इसका प्रमुख उद्देश्य महंगाई से सभी मजदूरों को राहत दिलाना है और उनकी सैलरी में बढ़ोतरी करना है। मूल रूप से इस बार भी VDA में बढ़ोतरी की गई है, एसएससी के सभी मजदूरों को न्यूनतम वेतन में लाभ मिलेगा।
न्यूनतम मजदूरी क्या है?
न्यूनतम मजदूरी वह राशि कहलाती है, जो कि एक नियोक्ता को अपने कर्मचारियों को उपलब्ध करवानी पड़ती है। हालांकि, इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के शोषण का शिकार न होना पड़े। इसके अतिरिक्त, इस फैसले के लिए सरकार की ओर से न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत न्यूनतम मजदूरी निर्धारित की जाती है।
नई न्यूनतम मजदूरी दरें
केंद्र सरकार के द्वारा विभिन्न क्षेत्र में कौशल स्तर एवं अतिरिक्त क्षेत्र के लिए अलग-अलग न्यूनतम मजदूरी दरें निर्धारित की गई हैं, जिसका प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित बताया गया है:
अकुशल श्रमिक
दैनिक मजदूरी: 783 रुपये
मासिक मजदूरी: 20,358 रुपये
अर्ध-कुशल श्रमिक
दैनिक मजदूरी: 868 रुपये
मासिक मजदूरी: 22,568 रुपये
कुशल श्रमिक
दैनिक मजदूरी: 954 रुपये
मासिक मजदूरी: 24,804 रुपये
अति कुशल श्रमिक
दैनिक मजदूरी: 1,035 रुपये
मासिक मजदूरी: 26,910 रुपये
किन क्षेत्रों के श्रमिकों को फायदा होगा
- निर्माण कार्य
- सफाई और स्वच्छता
- लोडिंग और अनलोडिंग
- खनन
- कृषि
- सुरक्षा गार्ड
- क्लर्क और दफ्तरी काम
नई दरों का प्रभाव
- इससे सभी श्रमिकों की आय में वृद्धि होगी।
- जीवन स्तर में सुधार होगा।
- बढ़ती महंगाई से बचने में सहायता मिलेगी।
- गरीब रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले मजदूरों को अधिक फायदा मिलेगा।
- अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी होगी।
- उत्पादकता में सुधार देखने को मिलेगा।
न्यूनतम मजदूरी कैसे तय की जाती है
- मुद्रास्फीति दर
- जीवन निर्वाह की लागत
- श्रमिक की उत्पादकता
- रोजगार की स्थिति
- क्षेत्रीय असमानताएं
- कौशल स्तर
अलग-अलग राज्यों में न्यूनतम मजदूरी
बताते चलें कि वर्तमान समय में महानगर दिल्ली में 18,066 रुपये प्रति माह (अकुशल श्रमिक) उपलब्ध करवाया जाता है, महाराष्ट्र में 11,632 रुपये प्रति माह (अकुशल श्रमिक), उत्तर प्रदेश में 10,660 रुपये प्रति माह (अकुशल श्रमिक), प्रमुख क्षेत्र गुजरात में 9,724 रुपये प्रति माह (अकुशल श्रमिक), एवं पश्चिम बंगाल में 8,550 रुपये प्रति माह (अकुशल श्रमिक) सभी श्रमिकों की जरूरत को पूरा किया जा रहा है।
न्यूनतम मजदूरी से जुड़े कानून
- न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948
- मजदूरी भुगतान अधिनियम, 1936
- समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976
- बोनस भुगतान अधिनियम, 1965
- मजदूरी संहिता अधिनियम, 2019
न्यूनतम मजदूरी का महत्व
इसका प्रमुख उद्देश्य सभी श्रमिकों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाना है, तथा गरीबी को समाप्त करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण संसाधन हो सकता है। इसके चलते असमानता में भी कमी देखी जा सकती है, और श्रमिकों के जीवन स्तर में नियमित रूप से सुधार किया जाता है। अर्थव्यवस्था में भी काफी बढ़ोतरी होती है, और श्रम बाजार में स्थिरता लाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण संसाधन कहलाता है।