EV Charging Initiative: आप सभी की जानकारी के लिए बता दे कि हाल ही में भारतीय डाक सेवा के द्वारा एक बहुत ही बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। जैसा कि आप सब जानते हैं, सन् 1296 में अलाउद्दीन खिलजी के शासन के दौरान घोड़ों पर चिट्ठियां इसके आदान-प्रदान के साथ ही भारतीय डाकघर की शुरुआत हुई थी और वह वर्तमान समय में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के साथ पोस्ट ऑफिस के द्वारा चार्जिंग सुविधा स्थापित किया जा रहे हैं क्योंकि महत्वपूर्ण पहल होने वाली है।
ईवी चार्जिंग स्टेशन की शुरुआत
हैदराबाद के सैनिकपुरी खंडारे के पास अब से इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग की नई पहल स्थापित हो चुकी है। जैसे की भारतीय डाकघर के द्वारा स्थापित किया गया है और इसके अंतर्गत थंडर प्लस, जो ईवी चार्जिंग के उपकरण को जोड़ा गया है, जिसके माध्यम से आप अपनी गाड़ियों को चार्ज कर सकते हैं। इसका प्रमुख लक्ष्य है कि भारत के अधिकतर डाकघरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह के नए चार्जिंग प्वाइंट्स को जोड़ा जाए, जिससे कि बैटरी से चलने वाली गाड़ियों की बैटरी समाप्त होने की समस्या का पूरा निवारण मिले।
थंडर प्लस का योगदान
थंडर प्लस, ट्रिनिटी क्लीनटेक मुख्य रूप से एक प्रकार की शाखा है जो कि भारत के कई सारे शहरों में लगभग 2000 से भी अधिक चार्जिंग स्टेशन को स्थापित कर चुकी है और लगातार कंपनी इस कार्य में आगे बढ़ रही है। कंपनी के द्वारा बताया गया कि यह पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए एक सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। इसके अतिरिक्त, यह वाहनों के लिए भी अनुकूल होता है।
डाक विभाग की प्रतिक्रिया
डाकघर की यह योजना न केवल भारत में प्रसिद्ध हो रही है बल्कि पूरी दुनिया भर में इसे लेकर काफी जानकारियां सामने आ रही हैं। डाक विभाग की वरिष्ठ अधिकारी श्रीलता के द्वारा बताया गया है कि जल्द से जल्द पूरे भारत में इलेक्ट्रिक चार्जिंग व्हीकल के लिए इसने टेक्नोलॉजी को अपनाया जाएगा। धीरे-धीरे करके इसका प्रसारण बढ़ाने वाला है और थंडर प्लस के साथ साझेदारी पूरे भारत में अपनी नई उम्मीदें फैलाने वाली हैं।
भविष्य की संभावनाएं
सैनिकपुरी डाकघर में जोड़ा गया नया चार्जिंग स्टेशन भविष्य के लिए नए अवसरों की सुविधा उपलब्ध करवा रहा है। भारतीय डाक सेवा की नवीनतम व्यापक इमारत का प्रमुख स्रोत उनकी स्थिति के लिए महत्वपूर्ण इलेक्ट्रिक व्हीकल की नवीनतम सुविधा इलेक्ट्रिक व्हीकल की व्यापक चार्जिंग को बढ़ाने में सहायता करती है और देखा जाए तो यह पर्यावरण के प्रति काफी ज्यादा अनुकूलन बनाए रखेगा।
इतिहास में एक नई दिशा
19वीं सदी के अंत में भारतीय डाकघर के द्वारा चिट्ठियों से आगे बढ़कर अपनी मनी ऑर्डर, डाक बचत खाते और कई प्रकार की नई पॉलिसीयों का प्रसारण किया था। जिसकी चलते इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इस प्रकार से सफल हो सकता है और जल्द ही इसे लेकर नई नीति अपनाई जाएगी।