TRAI Regulation: TRAI के द्वारा मोबाइल सिम कार्ड नंबर पर लगने वाले चार्ज के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा है, जिससे की पूरी टेलीकॉम कंपनियों में उपभोक्ताओं के लिए अब से अधिक शुल्क लगाया जाएगा। इस नए नियम के अनुसार, नंबरिंग सिस्टम के सही उपयोग और मोबाइल नंबरों की कमी को पूरी तरीके से दूर करने के लिए लागू किया जा रहा है।
भारतीय टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (TRAI) हाल ही में एक नया प्रस्ताव रखा है, जिसके चलते सभी उपयोगकर्ता के लिए यह एक गंभीर विषय बन सकता है। ट्राई के द्वारा टेलीकॉम कंपनियां के संबंध में एक नया प्रस्ताव निर्धारित किया है, जिसके अनुसार बताया जा रहा है की सिम कार्ड एक सरकारी संपत्ति है और इस पर किसी भी प्रकार का चार्ज लगाया जा सकता है। इस निर्णय का प्रमुख लक्ष्य मोबाइल नंबर लिस्टिंग के सही तरीके के उपयोग को सुनिश्चित करना है, एवं आज हम आपको इस लेख के माध्यम से ट्राई के द्वारा जारी किए गए प्रस्ताव के कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां विस्तार से बताने वाले हैं।
TRAI का प्रस्ताव: सिम कार्ड नंबर पर चार्ज का विचार
ट्राई के अनुसार पता चला है कि अब मुख्य रूप से मोबाइल नंबर सिस्टम सीमाओं को ध्यान में रखते हुए, एवं इसके उपयोग को और अच्छी तरीके से बेहतर बनाने हेतु कुछ नए नियमों में परिवर्तित किया है। भारत में वर्तमान समय में 1.19 अरब से अधिक टेलीफोन कनेक्शन मौजूद है, जिसमें से अधिकतर नागरिक के पास दो सिम कार्ड मौजूद होते हैं। इनमें से एक सिम कार्ड एक्टिव मोड में होता है, वही दूसरा सिम कार्ड आईएनएक्टिव मोड में रखा जाता है। ट्राई के नए प्रस्ताव का सीधा सा अर्थ यह है कि यदि किसी ग्रह के पास दो सिम कार्ड मौजूद है, और एक सिम कार्ड को एक्टिवेट मोड में रखा जाता है, तो ऐसी स्थिति में आपको अब अलग से चार्ज देना होगा। यह चार्ज आपको प्रतिवर्ष भुगतान करना होगा।
ट्राई का सीधा सा प्रस्ताव यह है कि मोबाइल नंबर एक सरकारी संपत्ति होती है, और इसका सही तरीके से उपयोग करना आवश्यक है। टेलीकॉम कंपनियों के माध्यम से सिम कार्ड को इस प्रकार से बंद करना अनिवार्य नहीं है, हालांकि जो उपयोग में नहीं होते हैं और ऐसी सिम कार्ड के चलते नंबरों में कमी देखी जा रही है, जिसका सामना करते हुए ट्राई की ओर से चार्ज लगाया जा रहा है।
नंबरिंग सिस्टम में सुधार का प्रयास
ट्राई के प्रस्ताव के अंतर्गत यह पता चला है कि यह केवल सिम कार्ड का सीमित नहीं है, बल्कि स्मार्टफोन के साथ लैंडलाइन नंबर पर भी चार्ज लगने का दावा किया जा रहा है। इस चार्ज के चलते कंपनियों के द्वारा सभी यूजर्स से प्रतिवर्ष कटौती की जाएगी, एवं टेलीकॉम सेक्टर में इस प्रमुख बदलाव को ध्यान रखते हुए 1 अक्टूबर से कुछ नए नियमों में संशोधन किया जाएगा।
क्यों बना चार्ज लगाने का प्लान?
टेलीकॉम कंपनी अपने ग्राहकों की स्थिति को संतुलित बनाए हेतु किसी भी प्रकार की सिम कार्ड को बंद करने में असमर्थ होती हैं। जो उपयोग में नहीं होते हैं, उन्हें भी कंपनी के द्वारा बंद नहीं किया जाता है। हालांकि इसमें रिचार्ज नहीं किया गया है, तो यह डीएक्टिव मोड में चली जाती है। लेकिन नए नियमों के अनुसार, यदि किसी सिम कार्ड में लंबे समय से रिचार्ज नहीं किया गया है, तो ऐसी स्थिति में उसे नंबर को ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाएगा, और इस समस्या का समाधान करने के लिए ट्राई की ओर से शुल्क लगाने का विचार रखा गया है।
भारत में सिम कार्ड उपयोग की स्थिति
देखा जा सकता है कि मार्च 2024 तक के TRAI के अनुसार कैलकुलेशन के अनुसार भारत में वर्तमान समय में 1.19 अरब से अधिक टेलीफोन कनेक्शन उपलब्ध है, एवं इसमें से अधिकतर 219.14 मिलियन नागरिकों को ब्लैक लिस्ट स्टेट कैटेगरी में रखा गया है। हालांकि कंपनियों के द्वारा इन्हें पूरी तरीके से ब्लैक लिस्ट नहीं किया जा सकता है, और इसी के चलते कई सारे मोबाइल नंबर की संख्या में कमी देखने के लिए मिल रही है। इस समस्या के समाधान पूरी तरीके से निरस्त करने हेतु ट्राई के द्वारा सिम कार्ड पर चार्ज लगाने की कुछ नियम संशोधित किया जा रहे हैं।
प्रीमियम नंबरों की नीलामी की योजना
इसके अलावा ट्राई प्रीमियम मोबाइल नंबर की नीलामी करने के लिए नया प्रस्ताव लागू करेगा। इस नीलामी के अंतर्गत प्रीमियम मोबाइल नंबर को लगभग ₹50000 तक की कीमत में बेचा जाएगा, और जितने भी ग्राहकों को यह मोबाइल नंबर होना, वह अपने मनपसंद नंबर का चयन भी कर सकते हैं। टेलीकॉम कंपनी के द्वारा 100 से लेकर 300 नंबर का चयन किया जा रहा है, और नीलामी में हर नागरिक अपनी पसंद के अनुसार किसी न किसी नंबर का चयन कर सकता है।
TRAI का निर्णय: मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए क्या करें?
ट्राई के इस नए प्रस्ताव के चलते हैं उपयोगकर्ताओं के लिए बहुत ही बड़ी चेतावनी सामने आ रही है कि वह जल्द से जल्द अपने सिम कार्ड का सही उपयोग करें। यदि आपके पास दो सिम कार्ड मौजूद है, तो आप दोनों को ही एक्शन मोड में रखें, अन्यथा इसके ऊपर प्रति वर्ष सालाना शुल्क लगा सकता है।
ट्राई के प्रस्ताव के चलते अधिकतर यूजर्स को समस्या का सामना करना पड़ सकता है, हालांकि इसके माध्यम से नंबर की कमी को पूरी तरीके से समाप्त किया जाएगा, और इस योजना का प्रमुख लक्ष्य नंबरिंग सिस्टम की सही उपयोगिता को बरकरार रखना है, और यह सुनिश्चित करना है कि केवल मान्य और वैलिड सिम कार्ड का ही उपयोग किया जा रहा है।