RBI CIBIL Score New Rule: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से हाल ही में सिबिल स्कोर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव किया गया है। बताते चलें कि नियम बनाने के बाद से सभी महत्वपूर्ण बैंकों को निर्देश भी भेज दिए गए हैं। अगर आपका भी खाता इन बैंकों में मौजूद है, तो आपको आरबीआई के ओर से जारी किए गए सिबिल स्कोर के सभी महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना होगा। आइए जानते हैं कि आरबीआई के कौन से हैं महत्वपूर्ण नियम।
भारतीय रिजर्व बैंक के तहत क्रेडिट कंपनियों को यह निर्देश प्रस्तुत किया गया है कि एक बार फ्री फुल क्रेडिट स्कोर अपने उपभोक्ताओं को मुहैया कराएं। इसके अलावा, क्रेडिट कंपनियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी ऑफिशल वेबसाइट पर एक लिंक उपलब्ध कराएं, ताकि ग्राहकों को आसानी से अपने क्रेडिट कार्ड की संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके और वे अपनी स्थिति की जांच कर सकें। इसके अलावा, वर्ष में एक बार ग्राहकों को अपना सिबिल स्कोर और पूरी क्रेडिट हिस्ट्री का इन्वॉयस डाउनलोड करके उपलब्ध करवाई जाए। नीचे देखिए क्या हैं आरबीआई के नए क्रेडिट कार्ड से संबंधित नियमों की जानकारी।
आरबीआई के बड़े नियम जारी
आरबीआई द्वारा केंद्रीय बैंक की ओर से सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को यह महत्वपूर्ण निर्देश दिया गया है कि किसी भी बैंक या फिर एनबीएफसी के उपभोक्ताओं को ग्राहक क्रेडिट रिपोर्ट चेक करवाना अनिवार्य है। ऐसी सूचना में ग्राहकों को पहले मैसेज भेजा जाए, और आप सभी की जानकारी के लिए बता दें कि ग्राहक को एसएमएस, ईमेल के माध्यम से इस सूचना को प्रसारित करना होगा। क्रेडिट कार्ड से संबंधित किसी प्रकार की शिकायत पाई जाती है, तो लगभग 24 घंटे के भीतर इसका निवारण करना होगा।
अब बैंक ग्राहकों को बताया जाएगा रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करने की वजह
आरबीआई की ओर से सिबिल स्कोर को लेकर एक महत्वपूर्ण नियम जारी किया गया है, जिसके अनुसार क्रेडिट कंपनियों को स्पष्ट रूप से क्रेडिट स्कोर ग्राहक को उपलब्ध करवाना होगा, जिससे उपभोक्ता को समझने में आसानी हो सके कि क्रेडिट कार्ड की रिक्वेस्ट क्यों रिजेक्ट या फिर अप्रूव की गई है। इसके अलावा, आपके द्वारा कितना खर्च किया गया है और कितना कैशबैक प्राप्त हुआ है, ये सारी जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी। अगर आपका सिबिल स्कोर मेंटेन रहता है, तो लोन प्राप्त करने में भी कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
साल भर में ग्राहकों को देना होगा फुल क्रेडिट रिपोर्ट
आरबीआई की ओर से सिबिल स्कोर से संबंधित महत्वपूर्ण नियम में यह बताया गया है कि क्रेडिट कंपनी को साल में एक बार फुल क्रेडिट रिपोर्ट उपलब्ध करवाना अनिवार्य है। इसके अलावा, आरबीआई के नए नियमों में ग्राहक को डिफॉल्टर होने से पूर्व भी एक रिपोर्ट भेजनी होगी। अगर ग्राहक सही समय तक लोन की ईएमआई का भुगतान नहीं करता है या फिर किसी प्रकार से डिफॉल्टर घोषित हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में उसे डिफॉल्टर घोषित करने से पूर्व उस व्यक्ति या फिर ग्राहक को संदेश और ईमेल के माध्यम से जानकारी भेजनी होगी। लगभग दो दिन का समय दिया जाएगा, इसके बाद उस व्यक्ति को डिफॉल्टर के तौर पर दर्ज किया जा सकता है।
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